Thursday, May 1, 2008

बेटे भी फैमिली का हिस्सा होते हैं


सब लोग बेटी की बढ़ाई करते हैं और बेटों के लिये बोलते हैं कि ये बेकर होते हैं और किसी काम में नहीं आते सभी लोग बेता बेटी एक समान का नारा देते है और फिर भी बेटी के लिये भली भली बाते कहते हैं और बेटों के लिये एसा बोलते हैं कि जैसे ये किसी कूड़ेघर से उथ कर आये हों और सच्चाई भले ही ये है कि बेटी के लिये भला भाला बोलने बाले भी अन्दर से अलग सोच रहे होगे और एसा केवल बाहरी दिखलाने के लिये करते हैं एसा क्यूं

सबी लोगों के ब्लाग पढ़कर में लगातार ये सोचे जारहा था और सोचता था कि एक एसा ब्लाग हो जिसमें कोई अपने बेटों के बारे में भी बोले और बेटी की बढ़ाई के फेर में हमारे बेटे पिछड़ा न समझने लगे और बेटे को भी लगे कि बेटे भी फैमिली का हिस्सा होते हैं लेकिन मन मसोसकर रह जाता था और कुछ भी करने में मुश्किल पाता था मगर आज ये ब्लाग बना जिसमें भइया ने तकनीकी help दिया है बेटी प्यारी हैं तो हमारे बेटे भी प्याते हैं किसी एक हात तो पसंद करने के फेर में दूसरे हाथ को काट के गेर देना समझदारी नहीं होती है आप भी इस इस ब्लाग के सभासद बनकर अपने अन्दर की बात बताईये

अगर आप को मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो मैं आपको पहले से ही सौरी बोलता हूं हिन्दी में कुछ बेकार लिख दिया हो तो आप मेरी गलतियां माफ करदेगें और मुझे सही रस्ता
दिखलायेंगे

सिंघई राजकुमार जैन